शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012

भीमराव पान्चाले

तू भी मेरे साथ नहीं है /
ये तो अच्छी बात नहीं है //
भेस फकिरोका है लेकिन /
झोलीमें खैरात नहीं है //
वादा करना और निभाना /
तेरे बस की बात नहीं है /
सिर्फ  नसीम इनसान हुं मै तो /
मेरी कोई जात नहीं है //

कल भीमराव पान्चाले की ग़ज़ल सुनने आज़म कंप गया था./बहुत अच्छा लगा / महाराष्ट्र उर्दू अकादमी के जानिबसे वो कार्यक्रम था / जनाब वाकर शैख़ जो की महाराष्ट्र बैंक के अधिकारी है वे भी आये थे /उन्होंने कहा की पुणे में उर्दू की क्लास शुरू होगी /

अप्रतिम था

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