रविवार, 1 जनवरी 2012

Nirmano ke Pavan yug me.निर्माणों के पावन युगमे

निर्माणों के पावन युगमे हम चरित्र निर्माण न भूले
स्वार्थ साधना की आंधीमे वसुधा का कल्याण न ना भूले 


माना अगम अगाध सिन्धु है संघर्षो का पार नहीं है
किन्तु डूबना मजधारोमे साहस को स्वीकार नहीं है
जटिल समस्या सुलाझानेको नूतन अनुसन्धान ना  भूले 


शील विनय विनय आदर्श श्रेष्ठता  तार बिना झंकार नहीं है
शिक्षा क्या स्वर साध सकेगी ? यदि नैतिक आधार नहीं है
कीर्ति कौमुदी की गरिमा में संस्कृति का सम्मान न भूले


आविष्कारों की कृतियों में यदि मानव का प्यार नहीं है
सृजन हीन विज्ञान व्यर्थ है यदि मानव का प्यार नहीं है
भौतिकता के उत्थानोमे , जीवनका उत्थान न भूले.

it is the most  of inspiring song i ever heard.
the optimism is loaded in the song . the spiritual development is highlighted here. we shold sacrifice it for the material prosperity. The line
''भौतिकता के उत्थानोमे , जीवनका उत्थान न भूले''
is excellent one.

koi ye kaise bataye ke vo tanha kyon hai

कोई ये कैसे बताये के वो तनहा क्यों है
वो जो अपना था वो ही और किसी का क्यों है
यही दुनिया है तो ऐसी ये दुनिया क्यों है
यही होता है तो आखिर यही होता क्यों है


इक ज़रा हात बढाये तो पकड़ लेना तुम 
उसके सिने में समा जाए उसकी धड़कन
इतनी कुर्पत है तो फासला इतना क्यों है


दिले बरबाद से निकला दे अब तक कोई 
इक लूटे घर पे दिया करता है दस्तक कोई
आस जो टूट गयी फिरसे बताता क्यों है


तुम मसर्रत का कहो या इसे गमका रिश्ता 
कहते है प्यार का रिश्ता है जनमका रिश्ता 
है जनमका जो वो रिश्ता तो बदलता क्यों है.


The ideas dealt in this gazal are perennial one. The entanglements of life find its memorable utterance in it.
The gazal has been used very rightly in the film Arth by Mahesh Bhat.
we can find ''objective correlative'' for the emotions of Shabana Azmi.
utterly marvelous  

संपूर्ण वंदे मातरम चा अर्थ Meaning of Sampurn Vande Mataram

वन्दे मातरम् सुजलां सुफलाम् मलयजशीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम्। शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम् फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम् सुहासिनीं सुमधुर भ...